हिंसा पीड़ितों के लिए भोजन, चिकित्सा और आश्रय सुनिश्चित करे दिल्ली सरकार : हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी जिले में फरवरी के आखिरी सप्ताह में हुई हिंसा के दौरान बेघर हुए लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा और आश्रय सुनिश्चित करने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को निर्देश दिए हैं। हिंसा के बाद इन लोगों के लिए मुस्तफाबाद स्थित ईदगाह में राहत शिविर बनाया गया था, जिसे कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के डर से हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा बंद कर दिया गया। इस शिविर से बाहर निकाले गए लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर अपने लिए सुविधाओं की मांग की है।


न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह ने इस याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए आप सरकार को निर्देश दिए हिंसा पीड़ितों के लिए भोजन, पेयजल, चिकित्सा और आश्रय मुहैया करवाया जाए। साथ ही दिल्ली के अन्य समुदाय भवनों या रैन बसेरों में रह रहे लोगों के लिए भी इन सुविधाओं को मुहैया करवाने के निर्देश दिए।
राहत शिविर और रैन बसेरों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करे ईडीएमसी :
पीठ ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भी निर्देश दिए कि वह राहत शिविर और रैन बसेरों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि हिंसा पीड़ितों को ठहरने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। इन निर्देशों को जारी करते हुए पीठ ने कें द्र, दिल्ली सरकार और ईडीएमसी को नोटिस जारी किए और 30 मार्च तक जवाब मांगा।
यह याचिका शेख मुजतबा फारूक नामक शख्स की ओर से दायर की गई। उन्होंने याचिका में कहा कि इससे पहले हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को ईदगाह कैंप में हिंसा पीड़ितों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सा, मास्क, हैंड सैनिटाइजर और डॉक्टरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद कैंप को बंद कर दिया, जिससे यहां रह रहे लोग मुसीबत में हैं।